युवा एवं खेल मामले मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित जिला स्तरीय खेलकूद निःशक्तजन खेलकूद प्रतियोगिता के लिए स्पेशल ऑलम्पिक भारत को नोडल एजेन्सी बनाया गया। इस प्रतियोगिता में अखिल भारतीय बधिर क्रीड़ा परिषद, पेरालम्पिक कमेटी इण्डिया का भी योगदान है।
यह स्कीम मूक बधिर, मानसिक विकलांग, दृष्टिहीन और शारीरिक विकलांग व्यक्तियों के लिए है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक जिला स्तर पर स्पेशल ऑलम्पिक भारत द्वारा जिला स्तरीय स्पेशल ऑलम्पिक का गठन किया गया। जिसमें श्री सांवलिया बहुउद्देशीय विकलांग सेवा संस्थान चन्देरिया, चित्तौड़गढ़ को जिला हेडक्वाटर के रूप में मनोनीत कर रखा है। इस कमेटी में परियोजना समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान, चित्तौड़गढ़ तथा जिला खेल अधिकारी चित्तौड़गढ़ भी सदस्य है।
जिलास्तरीय निःशक्तजन खेलकूद प्रतियोगिता में 8 वर्ष से 29 वर्ष तक के व्यक्तियों ने भाग लिया। इसमें 4 आयु वर्ग इस प्रकार थे - 8 से 11 वर्ष, 12 से 15 वर्ष, 16 से 21 वर्ष, 22 से 29 वर्ष थे। चारों प्रकार की विकलांगता में 25 मीटर, 50 मीटर, 100 मीटर, 200 मीटर, लम्बी कूद, खड़ी कूद, सॉफ्ट बॉल थ्रो, गोलाफेंक, आदि एथेलेटिक्स स्पर्धाएं हुई तथा बुची, बेडमिण्टन, फुटबाल आदि टीम स्पर्धाएं आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में 250 निःशक्तजनों ने भाग लिया। इसमें 83 मानसिक विकलांग, 110 मुकबधिर, 6 दृष्टिहीन और 51 शारीरिक विकलांग थे।
पूरे भारत देश में चल रहे इस कार्यक्रम के अन्तर्गत राजस्थान राज्य में 7 जिलों का चयन किया गया जिसमें चित्तौड़गढ़ का भी सौभाग्य था। जिसे यह प्रतियोगिता आयोजन कराने का अवसर मिला। पूर्ण निष्ठा एवं लगन के साथ इस जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का सम्पादन स्पेशल ऑलम्पिक भारत, राजस्थान जिला हेड क्वाटर चित्तौड़गढ़ ने किया। इसका प्रचार-प्रसार हमने पैम्पलेट व मिडिया के विशेष सहयोग से किया था। इस स्कीम के अन्तर्गत विजेताओं को मेडल व सर्टिफिकेट द्वारा सम्मानित किया गया। सभी प्रतियोगिओं को टी-शर्ट प्रदान किये गये। भोजन व आवास उपलब्ध कराया गया। श्री सांवलिया बहुउद्देशीय विकलांग सेवा संस्थान चित्तौड़गढ़ द्वारा सभी प्रतिभागियों को आने-जाने का किराया उपलब्ध कराया गया।
दिनांक 1 व 2 दिसम्बर को कम्युनिटी कॉच टेªनिंग का प्रशिक्षण दिया गया ताकि इस विशेष वर्ग में क्या-क्या सावधानियां व जानकारियाँ रखी जाकर, मानसिक विकलांग, दृष्टिबाधित, मूकबधिर और शारीरिक विकलांगों को हर्षोल्लास के साथ प्रोत्साहन देकर खेलकूद के जरिये सामान्य वर्ग से जोड़ा जा सके। इसमें 52 व्यक्तियों ने ट्रेनिंग ली। 10 भारतीय पूनर्वास परिषद, नई दिल्ली में पंजीकृत, 21 शारीरिक शिक्षक तथा सामान्य शिक्षक और 21 अभिभावक एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता थे। इन्हें प्रशिक्षण रमेश पीठिया, संदीप बोहरा और कपील अग्रवाल ने दिया। जो कि ग्वालियर से प्रशिक्षित होकर आये थे।
विश्व विकलांग दिवस 3 दिसम्बर को होने से संस्थान द्वारा सुचेता कृपलानी शिक्षा निकेतन माणकलाव जोधपुर के शारीरिक विकलांगों को आमंत्रित किया गया है जो कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैण्ड में पेरालम्पिक में क्रिकेट में भाग लेकर भारत का गौरव बढ़ाया। ये निःशक्त विद्यार्थी चित्तौड़गढ़ में उद्घाटन समारोह एवं समापन समारोह में रोप मल्लखंभ, फिक्स मल्लखंभ, लेझिम तथा हैण्ड स्टैझिडंग का प्रदर्शन करके सामान्य वर्ग के समक्ष सोचने को मजबूर कर दिया। साथ ही चित्तौड़गढ़ के निःशक्तजनों का होंसला बढ़ाया। इस विशेष दिवस पर संस्थान द्वारा गोलप्याऊ से कलेक्ट्री चौराहा तक कैण्डल मार्च के दौरान सद्भावना रैली के रूप में सामान्य निःशक्तजन संयुक्त रूप से निकले। यह कैण्डल मार्च 3 दिसम्बर को सायं 6ः15 से प्रारम्भ हुआ तथा 7ः30 बजे कलेक्ट्री चौराहा पहूँचा। इसके मुख्य अतिथि श्री मांगीलाल चंगेल, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, चित्तौड़गढ़ थे। बैण्ड बाजों की धुन पर निःशक्त व्यक्ति नाचते-कूदते विशाल जुलुस में निकले, कुछ घोड़ों पर तथा कुछ बघियों में सवार थे। सायं 8ः00 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन जिंक नगर में किया गया। जहाँ सभी वर्ग के निःशक्त बच्चों ने हर्षोंल्लास के साथ विश्व विकलांग दिवस मनाया एवं भव्य आतिशबाजी की गई।
जिला स्तरीय निःशक्तजन खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारम्भ दिनांक 3 दिसम्बर को
प्रातः 9 बजे जिंक नगर स्थित खेल मैदान में किया गया। जिसके मुख्य अतिथि श्रीमान् घनश्यामसिंह जी राणावत जनरल सैकेट्री चन्देरिया स्मलेटर मजदूर संघ हिन्दुस्तान जिंक चित्तौड़गढ़ थे। सुचेता कृपलानी शिक्षा निकेतन माणकलाव जोधपुर के प्रिन्सिपल श्रीमान् मनोहरसिंह जी विषिष्ठ अतिथि थे। व समारोह की अध्यक्षता श्रीमान् यू.के. पाण्डे एरिया डायरेक्टर, स्पेशल ऑलम्पिक भारत, राजस्थान ने की। इस अवसर पर ध्वजारोहण कर समारोह की शुरूआत हुई। शुभारम्भ पर हिन्द जिंक स्कूल, चित्तौड़गढ़ की सामान्य छात्राओं ने सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी और श्री साँवलिया बहुद्देशीय विकलांग विद्यालय, चित्तौड़गढ़ की बधिर बालिका पूजा वैष्णव ने राजस्थानी नृत्य की प्रस्तुति दी। विनायक पब्लिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ के विद्यार्थियों ने सामुहिक पी.टी. प्रदर्शन किया। श्रीमान् यू.के पाण्डे एरिया डायरेक्टर, स्पेशल ऑलम्पिक भारत, राजस्थान का दिनांक 03 दिसम्बर, 2010 को स्मृति चिन्ह प्रदान कर संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया।
युवा एवं खेल मामले मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित जिला स्तरीय खेलकूद निःशक्तजन खेलकूद प्रतियोगिता के लिए स्पेशल ऑलम्पिक भारत, राजस्थान तथा श्री साँवलिया बहुद्देशीय विकलांग सेवा संस्थान, चन्देरिया, चित्तौड़गढ़ द्वारा अयोजित जिला स्तरीय निःशक्त जन खेलकूद प्रतियोगिता का समापन दिनांक 04 दिसम्बर, 2010 को सायं 05ः00 बजे किया गया। जिसके मुख्य अतिथि श्रीमान् एस.के. मौड़ अध्यक्ष चन्देरिया स्मलेटर मजदूर संघ हिन्दुस्तान जिंक चित्तौड़गढ़ थे। समारोह की अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष पुरुषोत्तम वैष्णव ने की। समारोह के विशिष्ठ अतिथि मि. पॉल जर्मनी और श्रीमान् जी.एन.एस. चौहान, सचिव इम्पीरियल क्लब, जिंक नगर, चित्तौड़गढ़ थे। इस सम्पूर्ण प्रतियोगिता में 74 प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विजेता खिलाड़ियों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को स्वर्ण पदक द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को रजत पदक तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को कांस्य पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया।
1 व 2 दिसम्बर को आयोजित कम्यूनिटी कोच ट्रेनिंग प्रोग्राम के 52 प्रशिक्षिणार्थियों को प्रशस्ति पत्र, टी-शर्ट और मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूजा वैष्णव ने कृष्ण भजन पर नृत्य प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। स्पेशल ऑलम्पिक भारत, राजस्थान का यह जिला स्तरीय कार्यक्रम ऐतिहासिक रहा। ध्वज अवतरण एवं राष्ट्रगान के साथ जिला स्तरीय निःशक्तजन खेलकूद प्रतियोगिता-2010 का समापन हुआ।
1 व 2 दिसम्बर को आयोजित कम्यूनिटी कोच ट्रेनिंग प्रोग्राम के 52 प्रशिक्षिणार्थियों को प्रशस्ति पत्र, टी-शर्ट और मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूजा वैष्णव ने कृष्ण भजन पर नृत्य प्रस्तुति देकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। स्पेशल ऑलम्पिक भारत, राजस्थान का यह जिला स्तरीय कार्यक्रम ऐतिहासिक रहा। ध्वज अवतरण एवं राष्ट्रगान के साथ जिला स्तरीय निःशक्तजन खेलकूद प्रतियोगिता-2010 का समापन हुआ।
रपट:-ओम प्रकाश जोशी