श्री साँवलिया बहुउद्देशीय विकलांग सेवा संस्थान
जाटों का मोहल्ला, चन्देरिया, चित्तौड़गढ़ (राज.)
पंजीयन क्रमांक - 162/2001-2002
सम्पर्क सूत्र : 01472-256817,मो. - 9828536817
(संस्थान को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 जी के अन्तर्गत छूट प्राप्त है)
(उद्देश्य: मूक-बधिर, विमन्दित और दृष्टिहीन विकलांगों के लिए शिक्षण, प्रशिक्षण और छात्रावास की सुविधाएं दे पुनर्वासित करना)



Friday, January 08, 2010

चित्तौड़गढ़ में सारस्वत युवा ओमप्रकाश जोशी द्वारा विशेष शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय पहल

भक्ति एवं शक्ति की नगरी चित्तौड़गढ़ में 7 जुलाई 1996 से सारस्वत समाज के युवा ओम प्रकाश जोशी ने निःशक्त बालकों के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। यह विद्यालय आज चित्तौड़गढ़ जिले का एक मात्र विकलांग विद्यालय है। जिसका नाम श्री साँवलिया बहुउद्देशीय विकलांग विद्यालय, जाटों का मौहल्ला चन्देरिया, चित्तौड़गढ़ (राज.) के नाम से जाना जाता है। चित्तौड़गढ़ जिले की बेंगूँ तहसील के मेघपूरा ग्राम के श्री रामचन्द्र जोशी के सुपुत्र ओमप्रकाश जोशी का जन्म 24 अगस्त 1970 को हुआ । किसान परिवार में जन्में श्री जोशी की प्रारम्भिक शिक्षा सामान्य विद्यालय से प्राप्त की। विशेष शिक्षा के क्षेत्र में आपने 1989-90 में अलियावर जगं राष्ट्रीय श्रवण विकलांग संस्थान मुम्बई से सहायक वाणी एवं श्रवण विशेषज्ञ के रूप में शिक्षा प्राप्त की। अपका विवाह भीलवाड़ा जिले के माण्ड़लगढ़ तहसील के बरून्दनी ग्राम निवासी श्री कल्याण मल जी सारस्वत की सुपुत्री गायत्री सारस्वत के संग दिनांक 24 अप्रेल 1985 को सम्पन्न हुआ।
वर्तमान में श्री जोशी के परिवार में दादीजी, ताऊजी, ताईजी, पिताजी, माताजी, भाई, भाभी है। श्री जोशी के सुपुत्र ललित जोशी वर्तमान में कम्प्यूटर साईंस से बी-टेक कर रहा है। तथा अरूणा जोशी बारहवीं कक्षा वाणिज्य में अध्ययनरत हैं। चित्तौड़गढ़ शहर में विकलांग शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत ओमप्रकाश जोशी के अथक प्रयास से वर्तमान में 60 मुकबधिर, विमंदित, दृष्टिहीन बालक-बालिकाएँ छात्रावास में निःशुल्क आवासित है। छात्र-छात्राओं के लिए पृथक-पृथक आवास व्यवस्था शहर के गणमान्य नागरिकों द्वारा जुटायी जा रही है। श्री सावंलिया बहुउद्देशीय विकलांग विद्यालय में अध्ययन 80 छात्र-छात्राओं को विशेष शिक्षकों द्वारा वाणी चिकित्सा, विशेष शिक्षा, भौतिक चिकित्सा, ब्रेललिपी का ज्ञान कराया जाता है। दो छात्रों से प्रारम्भ इस विद्यालय में वर्तमान में 60 आवासीय तथा 20 गैर आवासीय विद्यार्थी अध्ययनरत है। विशेष शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने के क्रम में इन बालकों को कम्प्यूटर शिक्षा, बंधेजकार्य, सिलाई कार्य, चाक बनाना, बागवानी, कूकिंग कार्य, कूर्सी, बुनाई, आदि कई कार्यों में यथा-योग्य प्रशिक्षण दिया जाता है। जोशी के नेतृत्व में संचालित इस विशेष विद्यालय के विशेष बालकों ने ब्लाॅक स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर, और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभाओं का श्रेष्ठ प्रदर्शन कर चित्तौड़गढ़ जिले को गौरवान्वित किया है। 
प्रतिदिन दिनचर्या का मुख्य अंग-सेवा कार्य में, जुटे रहने वाले ओमप्रकाश जोशी अपने सामाजिक परिवेश में आना-जाना भूल जाते है। जीवन में आने वाली कई कठिनाईयों का सामना करते हुये जोशी ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। आगे बढ़ते गये ओर बुलन्दियों को छूने वालो की गिनती मैं आज जोशी इस क्षेत्र में सारस्वत समाज में अग्रणी है। लम्बे समय से आर्थिक समस्याओं से झूझते विद्यालय को सम्बल देने में जन सहयोग से धन जुटाने वाले जोशी को सारस्वत जगत दुगुनी शक्ति प्रदान करने की अभिलाषा प्रकट करता है। सभंवतः राजस्थान में निश्चित रूप से जोशी एक मात्र सारस्वत युवा है जो इस प्रकार के विशेष सेवा कार्य में लगे हुये है।  
द्वारा माणिक
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